// राधे राधे //
वृंदावन सो वन नहीं, नंदगांव सो गांव!
बंशीवट सो वट नहीं, कृष्ण नाम सो नाम
राधा मेरी स्वामिनी, मैं राधे को दास।
जनम जनम मोहे दीजियो, श्री वृंदावन को वास।
|। ऊं ह्नीं राधिकायै नम:।|



